पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental pollution short essay in hindi )- इस धरती पर सबसे कीमती और अमूल्य चीज़ हमारा पर्यावरण है। भगवान और प्रकृति दोनों ने हमारे पर्यावरण और प्रकृति को इस तरह से बनाया है कि इसकी कीमत का अनुमान लगाना इंसानों के लिए असंभव हो सकता है। शायद, हम वास्तव में हमारे प्रति प्रकृति की उदारता का बदला कभी नहीं चुका पाएंगे, लेकिन अगर हम प्रकृति से जो कुछ भी प्राप्त हुआ है उसका एक टुकड़ा भी वापस कर सकें, तो यह हमारा सौभाग्य होगा। लौटाने से हमारा तात्पर्य प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करना है, जिसकी आज प्रकृति को सबसे अधिक आवश्यकता है।
पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (environmental pollution short essay in hindi)
इस पोस्ट Environmental pollution short essay in hindi के माध्यम से आप पर्यावरण प्रदूषण प्रस्तावना, प्रदूषण के प्रकार –वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, भूमि प्रदूषण तथा पर्यावरण प्रदूषण से मानव जीवन पर होने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। Environmental pollution short essay in hindi की सहायता से आप अपने स्कूल और कॉलेज में होने वाले निबंध प्रतियोगिता में भी भाग ले सकते हैं और पर्यावरण प्रदूषण के ऊपर एक अच्छा लेख प्रस्तुत कर सकते हैं।
पर्यावरण प्रदूषण प्रस्तावना
प्रदूषण का अर्थ है वातावरण या वायुमंडल का दूषित होना । प्रदूषण की समस्या आधुनिक वैज्ञानिक युग की देन है इस समस्या से विश्व के अधिकांश देश ग्रसित है। प्रकृति ने मानव का जीवन प्रक्रिया को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उसे शुद्ध वायु ,जल और वनस्पति तथा भूमि प्रदान की है। परंतु जब किन्हीं कारणों से यह सब दूषित हो जाता है तो मानव तथा अन्य प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए विभिन्न प्रकार से हानिकारक हो जाती है।
प्रदूषण के प्रकार–
प्रदूषण चार प्रकार का होता है–
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- भूमि प्रदूषण
आधुनिक युग में आर्थिक प्रगति के नाम पर अनेक प्रकार के छोटे-बड़े कल कारखानों और उद्योगों का विकास मानव ने अपनी भौतिक सुख सुविधा को प्राप्त करने के लिए कर लिया है। जनसंख्या वृद्धि के कारण ग्राम नगर और महानगरों का आकार बढ़ता जा रहा है। वन क्षेत्र को काटकर आवास की समस्या का समाधान किया जा रहा है। उत्पादन और सुरक्षा के लिए ऐसे यंत्रों का निर्माण किया जा रहा है ।जो रात दिन ध्वनि और धुआं उगलते रहते हैं ।नदियां पर बांध बनाया जा रहा है। इससे प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है।
वायु प्रदूषण –
कल कारखानों का दूषित और अनियंत्रित जलमल बाहर निकलकर दुर्गंध युक्त गैस फैलता है। कारखाने की दुआ उगती हुई चिमनियों दूर-दूर तक वातावरण को दूषित करती है, इनसे वायुमंडल दूषित हो जाता है। इससे सांस और फेफड़ों के रोग पनपते है।
ध्वनि प्रदूषण –
वाहनों और मशीनों का शोर, यातायात के साधनों के हॉर्नो की चिल पो चीखते लाउडस्पीकर, तेज आवाज में चलते टेलीविजन, रेडियो आदि से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।सुनाई देना काम हो जाता है, रक्तचाप बढ़ जाता है।
जल प्रदूषण –
जल स्रोतों में नहाने, कपड़े धोने,मल मूत्र त्यागने, जानवरो के नहलाने, शवो की राख बहाने,आदि से भी जल प्रदूषित हो जाता है,जिससे हैजा , आंत्रशोध तथा पेचिस जैसे रोग हो जाते है।
भूमि प्रदूषण –
उपज बढ़ाने के लिए भूमि में विभिन्न प्रकार की रासायनिक खादों को मिलाया जा रहा है, जिस भूमि प्रदूषण होता है। ऐसी प्रदूषण भूमि में उत्पन्न होने वाला खाद्य पदार्थ, साग – सब्जियां भी प्रदूषित हो जाती है। इनके खाने से मानव के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।
हमें पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाना पड़ेगा। इसके लिए बानो की अंधाधुंध कटाई को रोकना पड़ेगा। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए वृक्ष लगाने होंगे। जनसंख्या पर नियंत्रण करना पड़ेगा। खतरनाक रसायनों का काम से कम प्रयोग करना पड़ेगा। अणु बमों के विकास तथा परीक्षण पर रोक लगानी पड़ेगी, तो अभी आधुनिक सभ्यता में जीने वाला मानव स्वास्थ और सुखी जीवन व्यतीत कर सकेगा।
Environmental pollution short essay in hindi
पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े पूछे जाने वाले सवाल– FAQ’s
प्रश्न- विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर- 5 जून को,
प्रश्न- विश्व का सबसे बड़ा प्रदूषक कौन है?
उत्तर- चीन
प्रश्न- भारत में सबसे अधिक प्रदूषित नदी कौन सी है?
उत्तर- गंगा नदी