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महात्मा गांधी का प्रमुख आंदोलन (mahatma gandhi andolan list in hindi)

महात्मा गांधी का संक्षिप्त परिचय

नाममहात्मा मोहनदास करमचंद गांधी
पिता का नामकरमचंद गांधी
माता का नामपुतलीबाई
जन्म तिथि2 अक्टूबर 1869
जन्म स्थानपोरबंदर, गुजरात, भारत
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्महिन्दू
जातिगुजराती
शिक्षाबैरिस्टर
पेशेवरवकील, धर्मगुरु, स्वतंत्रता सेनानी
पत्नि का नामकस्तूरबा गांधी
संतान बेटा बेटी का नाम4 पुत्र -: हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
स्वतंत्रता संग्रामनॉन-कॉपरेशन मूवमेंट, दंडी मार्च, व्यक्तिगत सत्याग्रह
मृत्यु30 जनवरी 1948
हत्यारे का नामनाथूराम गोडसे

Mahatma gandhi andolan list in hindi

क्रम संख्याआंदोलन के नामवर्ष
1.चंपारण सत्याग्रह1917
2.खेड़ा सत्याग्रह1918
3.अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन1918
4.खिलाफत आंदोलन1920
5.असहयोग आंदोलन1920
6.नमक आंदोलन (सविनय अवज्ञा आंदोलन)1930
7.भारत छोड़ो आंदोलन1942

महात्मा गांधी के प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलन

महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिससे भारतीय लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित होने और स्वतंत्रता की ओर बढ़ने में मदद मिली। गांधी के प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलन निम्नलिखित हैं:

चंपारण सत्याग्रह (1917):

यह भारत में गांधी का पहला सत्याग्रह था। बिहार के चंपारण जिले में किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर किया गया था। गांधी ने किसानों का समर्थन किया और उनकी स्थिति सुधारने में सफल रहे।

खेड़ा सत्याग्रह (1918):

यह आंदोलन गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था। यहां किसानों पर भारी कर लगाया गया, जबकि फसलें बर्बाद हो गईं। गांधी ने किसानों के लिए कर माफी की मांग की और ब्रिटिश सरकार को किसानों की मांग माननी पड़ी।

अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन (1918):

गांधी ने अहमदाबाद के कपड़ा मिल मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने की मांग का समर्थन किया। इस आंदोलन के परिणामस्वरूप मजदूरों की मजदूरी में वृद्धि हुई।

खिलाफत आंदोलन (1919-1924):

यह आंदोलन तुर्की के खलीफा के समर्थन में मुस्लिम समुदाय द्वारा चलाया गया था। गांधी ने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए इस आंदोलन का समर्थन किया, जिससे स्वतंत्रता संग्राम में धार्मिक एकता मजबूत हुई।

असहयोग आंदोलन (1920-1922):

गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ असहयोग का आह्वान किया। इसमें विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार और सरकारी नौकरियों का त्याग शामिल था। इससे भारतीय लोगों में जागरूकता और राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी।

नमक आंदोलन (सविनय अवज्ञा आंदोलन) (1930):

गांधी ने नमक पर ब्रिटिश कर के खिलाफ दांडी मार्च का नेतृत्व किया। यह मार्च 12 मार्च 1930 को शुरू हुआ और 24 दिनों तक चला। गांधी ने समुद्र तट पर जाकर नमक बनाकर ब्रिटिश कानून का उल्लंघन किया। यह आंदोलन ब्रिटिश कानूनों के खिलाफ सविनय अवज्ञा का प्रतीक बन गया।

भारत छोड़ो आंदोलन (1942):

यह गांधी का सबसे महत्वपूर्ण और अंतिम बड़ा आंदोलन था। ‘भारत छोड़ो’ का नारा 8 अगस्त 1942 को दिया गया था। यह आंदोलन स्वतंत्रता प्राप्ति की दिशा में निर्णायक साबित हुआ और लाखों भारतीयों ने इसमें भाग लिया।

इन आंदोलनों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इन आंदोलनों को सफल बनाने में गांधीजी की अहिंसा और सत्याग्रह की नीतियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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